Great Lakes - PGDM & PGPM Admissions 2026
Admissions Open | Globally Recognized by AACSB (US) & AMBA (UK) | 17.8 LPA Avg. CTC for PGPM 2025
कैट बनाम जीमैट 2025 में सही टेस्ट का चुनाव करना : एमबीए करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए कैट और जीमैट के बीच चुनाव करने में दुविधा होती है। हर साल ऐसे हजारों आवेदक होते हैं जो कैट या जीमैट के बीच चुनाव को लेकर पशोपेश में रहते हैं। यह उनके लिए किसी एक का चुनाव करना मुश्किल होता है क्योंकि इन परीक्षाओं को देने से उम्मीदवारों के लिए कई अवसरों के द्वार खुलते हैं। आवेदकों को किस परीक्षा में बैठना चाहिए और किसमें सफलता के बेहतर मौके मिलेंगे, इसका फैसला करने में परेशानी होती है।
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ये परीक्षाएं उन उम्मीदवारों को बाहर करने के लिए होती हैं जो कठिन एमबीए कार्यक्रम की पढ़ाई करने के उपयुक्त नहीं समझे जाते। परीक्षा के बारे में अंतिम फैसला करने से पहले यह जानना महत्वपूर्ण होगा कि इन दोनों परीक्षाओं की खूबियां क्या हैं। उम्मीदवारों को इन दोनों परीक्षाओं के बारे में विस्तार से जानना होगा। इस लेख से आपको यही समझने में मदद मिलेगी कि किस परीक्षा का चुनाव करना चाहिए। अधिक जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
कैट स्कोर बनाम परसेंटाइल 2025 के बारे में पढ़ें।
कैट और जीमैट के बीच अंतर की तलाश करते समय, कई छात्रों के मन में यह सवाल होता है - क्या जीमैट, कैट से आसान है? कैट या जीमैट में से कौन बेहतर है? क्या कैट और जीमैट का सिलेबस एक जैसा है? जीमैट और कैट की कठिनाई क्या है। कैट फीस बनाम जीमैट परीक्षा फीस (CAT VS GMAT Exam Fees) क्या है? हालांकि, यह देखा गया है कि आवेदकों के सामने यह दुविधा होती है कि उन्हें किस परीक्षा में बैठना चाहिए और किस परीक्षा में उन्हें पास होने की बेहतर संभावना है।
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Ranked No. 3 Business School in India and no.35 in world by Financial Times MiM 2025 Ranking | Highest CTC: INR 89 LPA
ये परीक्षाएं उन लोगों को अलग पहचान दिलाने के लिए होती हैं जो कठिन एमबीए प्रोग्राम के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए परीक्षा को अंतिम रूप देने से पहले, उन्हें यह जानना होगा कि इन दोनों परीक्षाओं में क्या-क्या शामिल है। उन्हें जीमैट बनाम कैट के कठिनाई स्तर के बारे में कुछ जानकारी होनी चाहिए।
| शीर्षक | कैट | जीमैट |
|---|---|---|
परीक्षा का पूरा नाम | कॉमन एडमिशन टेस्ट –कैट (Common Admission Test- CAT) | ग्रैजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट- जीमैट (Graduate Management Admission Test- GMAT) |
परीक्षा आयोजक निकाय | भारतीय प्रबंध संस्थान (Indian Institute of Management) | ग्रैजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल- जीएमएसी (Graduate Management Admission Council) |
मूल योग्यता | न्यूनतम 50% अंकों के साथ स्नातक | स्नातक डिग्री (न्यूनतम प्रतिशत वांछित नहीं) |
स्कोरकार्ड की वैधता | भारत में (एक साल के लिए वैध) | वैश्विक/5 वर्ष के लिए |
आवृत्ति | साल में एक बार | साल में किसी भी समय |
परीक्षा के खंड | क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड; वर्बल रीजनिंग ऐंड रीडिंग कॉम्पिहेंसन और डाटा इंटरप्रेटेशन ऐंड लॉजिकल रीजनिंग | क्वांटिटेटिव रीजनिंग, वर्बल रीजनिंग, एनालिटिकल राइटिंग एसेसमेंट व इंटीग्रेटेड रीजनिंग, |
प्रश्नों की संख्या | 66* | 81* |
खंडों की संख्या | 3 | 4 |
परीक्षा की अवधि | 2 घंटे | 3 घंटे |
परीक्षा की विधि | ऑनलाइन | ऑनलाइन |
अंकन योजना | सही उत्तर के लिए +3 | - |
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जीमैट को वर्ष में कई बार दिया जा सकता है, जबकि कैट में वर्ष में एक बार भाग लिया जा सकता है। जहाँ जीमैट की साल में पांच बार परीक्षा दी जा सकती है वहीं कैट में लचीलेपन के लिए कोई स्थान नहीं, मतलब तय तारीख निकली तो फिर अगले वर्ष ही मौका मिलेगा। जीमैट में आवेदक सुविधा के अनुसार उस तारीख का चुनाव कर सकते हैं जिस तारीख को वे जीमैट देना चाहते हैं।
दो परीक्षाओं के बीच एक और विशिष्ट कारक यह है कि वे एक आवेदकों की परख कैसे करते हैं। कैट में डेटा और गणितीय विश्लेषण की व्याख्या करने पर अधिक ध्यान रहता है। दूसरी ओर, जीमैट में विश्लेषणात्मक कौशल और भाषाई तर्क पर अधिक ध्यान केंद्रित दिया जाता है। आवेदकों को यह समझने की आवश्यकता है कि एमबीए भर्ती करने वाली कंपनियां ऐसे लोगों की तलाश में होती हैं जिनका संवाद कौशल अच्छा हो, और वे गहन सोच, नेतृत्व क्षमता से भरपूर हों।
यह दो परीक्षाओं के बीच एक प्रमुख अंतर कारक है। कैट स्कोर केवल एक वर्ष के लिए वैध होता है। कुछ संस्थान हैं जो आवेदकों के पिछले वर्ष के कैट स्कोर पर विचार करते हैं। दूसरी ओर, आवेदक के जीमैट स्कोर की वैधता (Validity of GMAT score) पांच साल होती है। जहां तक लचीलेपन की बात है तो जीमैट अधिक लचीला है।
कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) की तुलना में, जो एक घरेलू परीक्षा है और भारत में व्यापक रूप से स्वीकार की जाती है। ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (जीमैट) परीक्षा उन उम्मीदवारों के लिए अधिक अवसर खोलती है जो विदेश में या भारत में बी-स्कूल में दाखिला लेना चाहते हैं। जो उम्मीदवार कैट के बजाय जीमैट चुनते हैं, उन्हें प्रतिस्पर्धा का भी कम सामना करना पड़ता है। शीर्ष बी-स्कूलों से एमबीए प्रोग्राम करने के लिए हर साल 3 लाख से अधिक उम्मीदवार कैट प्रवेश परीक्षा देते हैं।
कैट स्कोर आईआईएम और अन्य बी-स्कूलों द्वारा स्वीकार किया जाता है। आवेदकों को यह याद रखना होगा कि कैट का स्वरूप भारतीय शिक्षा पर केंद्रित है। इसलिए यदि भारतीय बी-स्कूलों में से किसी एक में दाखिला लेना चाहते हैं तो कैट का चुनाव करना सही रहेगा।
जीमैट स्कोर को भारतीय संस्थानों के साथ-साथ दुनिया भर के बी-स्कूलों द्वारा स्वीकार किया जाता है। दूसरे शब्दों में, आवेदक के पास चुनाव के लिए अधिक विकल्प होते हैं। चूँकि बी-स्कूलों की संख्या बढ़ जाती है, इसका मतलब यह नहीं है कि गुणवत्ता कम हो जाती है। इसके उलट बी-स्कूलों की गुणवत्ता भी बढ़ जाती है। शीर्ष बी-स्कूल जैसे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, व्हार्टन और स्टैनफोर्ड सभी जीमैट स्कोर को स्वीकार करते हैं, जिससे इसकी अहमियत और बढ़ जाती है।
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जब कैट की बात आती है तो पसंद के कॉलेज में प्रवेश मिलना आसान नहीं होता। मुट्ठी भर आवेदकों को ही वे कॉलेज मिलते हैं जिनकी वे इच्छा रखते हैं। क्योंकि आवेदकों की संख्या बहुत होती है और सीटें कम, इसीलिए भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में देश में कई आईआईएम खोले हैं। वर्ष 1996 तक देश में केवल छह आईआईएम थे, जिनमें से पहले संस्थान की स्थापना 1961 में की गई थी। अब देश में 20 आईआईएम हैं, जिनमें से सात पिछले चार-पांच वर्षों में स्थापित किए गए हैं।
अगर हम जीमैट की बात करें तो आवेदकों के लिए अपनी पसंद का कॉलेज पाना बहुत आसान है। इसका मुख्य कारण यह है कि दुनिया भर के बी-स्कूल GMAT Score को स्वीकार करते हैं। यहां तक कि आईआईएम भी जीमैट स्कोर स्वीकार करना शुरू कर दिए हैं। जब बात जीमैट स्कोर की आती है तो बी-स्कूलों का प्रसार क्षेत्र पूरी दुनिया हो जाता है जिससे आवेदकों के पास चुनने के लिए अधिक विकल्प होते हैं।
कॅरियरिज्मा और एमबीए क्रिस्टल बाल, मैनेजमेंट एडमिशन कंसल्टेंसी के संस्थापक समीर कामत कहते हैं, “दो साल से कम अनुभव वाले आवेदकों के लिए निश्चित तौर पर कैट एक बेहतर विकल्प है क्योंकि जीमैट एमबीए प्रोग्रामों में अधिक अनुभव (शीर्ष बी-स्कूलों में पांच वर्ष औसत अनुभव) की उम्मीद की जाती है। यह कहने के बाद मेरा दृढ़ता से मानना है कि एमबीए के छात्र डिग्री से बेहतर लाभ तभी हासिल सकते हैं जब उन्होंने पर्याप्त समय (तीन-चार साल) यह समझने में लगाया हो कि कॉर्पोरेट दुनिया जमीन स्तर पर कैसे काम करती है। इस अनुभव के बिना एमबीए जैसा एक अत्यधिक व्यावहारिक कोर्स एक सैद्धांतिक अनुभव ही बनकर रह सकता है।”
समीर ने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि अपने दूसरे एमबीए आवेदनों के साथ उनकी मदद पाने के लिए संपर्क करने वाले भारत के एमबीए स्नातकों (शीर्ष स्तरीय संस्थानों के भी) की संख्या बढ़ रही है। प्राथमिक कारण वे बताते हैं - पहली एमबीए डिग्री की पढ़ाई बहुत जल्दी हुई और इससे उतना लाभ नहीं मिला जितने लाभ की आकांक्षी उम्मीद कर रहे थे। समीर के अनुसार, पहली बार में मिले अवसर की यह पूरी तरह बरबादी है, उसमें बेकार हुए समय, ऊर्जा और धन का उल्लेख नहीं किया जाए तो ही अच्छा है। एक ही डिग्री के लिए दो बार प्रयास करने और समय लगाने और उसी डिग्री के लिए दो बार बड़ी राशि खर्च करने के बारे में जरा कल्पना करें। इन्हें लगता है कि आकांक्षी चाहे कैट या जीमैट के लिए जाएं, इसे यह एक बार ही करना सबसे अच्छा होगा, फिर चाहे भारत से करें या विदेश से, और इसका अधिकतम लाभ उठाएं।
लागत वह सबसे अहम निर्णायक कारक है जो कैट को जीमैट से बेहतर विकल्प बनाता है। हालांकि कैट का वर्ष में केवल एक बार आयोजन किया जाता है और परीक्षा शुल्क मात्र 1,800 रुपये है। यदि आप इसकी तुलना जीमैट से करते हैं तो जीमैट की लागत 250 डॉलर यानि लगभग 18,000 रूपये (प्रति प्रयास) होगी। भारत में एमबीए करना विदेशी विश्वविद्यालयों से एमबीए करने की तुलना में सस्ता है। यदि आवेदक भारत से एमबीए करना चाहते हैं तो उनके लिए कैट एक अच्छा विकल्प है, लेकिन अगर वे विदेशी विश्वविद्यालय में आवेदन करना चाहते हैं और पैसा खर्च करने के इच्छुक हैं तो उन्हें जीमैट का विकल्प चुनना चाहिए।
यह एक अन्य क्षेत्र है जहां ये दोनों परीक्षाएं बहुत अलग हैं। जीमैट एक कंप्यूटर अनुकूलित टेस्ट है। जीमैट टेस्ट में पिछले प्रश्न के आपके प्रदर्शन के आधार पर कठिनाई के स्तर को समायोजित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आप आसानी से अपने पहले प्रश्न का उत्तर देते हैं, तो आपका अगला प्रश्न अपेक्षाकृत कठिन होगा। कठिनाई का स्तर आपकी क्षमता के अनुसार बदलता रहेगा। दूसरी ओर, यदि आप प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थ हैं, तो आपका अगला प्रश्न आसान होगा। कैट के प्रारूप की बात करें तो यह रैखिक होता है। कैट प्रश्नों को प्रश्न बैंक से रैंडम आधार पर उठाया जाता है और आपके पास किसी प्रश्न का उत्तर न देने का विकल्प होता है।
दोनों परीक्षाओं में अंकों की गणना में भी बड़ा अंतर है। कैट को पर्सेंटाइल में स्कोर किया जाता है, जबकि जीमैट निरपेक्ष होता है। कैट परसेंटाइल इस बात पर निर्भर होता है कि परीक्षा में दूसरों ने भी कैसा स्कोर किया है। जबकि जीमैट में इस बात की परवाह किए बिना कि अन्य आवेदकों ने कैसा प्रदर्शन किया है यदि अच्छा पेपर गया है तो आपको अच्छा अंक मिलेगा।
पिछले कुछ वर्षों में यह देखने में आया है कि इन दोनों टेस्ट में भाग लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दोनों में हिस्सा लेने वालों की संख्या लगभग समान है। इससे कैट में पसंद का कॉलेज पाना और मुश्किल हो जाता है क्योंकि कॉलेजों की संख्या जीमैट की तुलना में काफी कम है। यह सीधी सी बात है इसमें अधिक छात्र कम सीटों के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं।
कौन सी परीक्षा में भाग लेना है इसका चुनाव पूरी तरह आवेदक पर निर्भर करता है। यह आवेदक की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। जीमैट उन लोगों के लिए अच्छा है जो पहले से काम कर रहे हैं, जबकि कैट उन लोगों के लिए अच्छा है जो भारत में स्नातक के तुरंत बाद एमबीए करना चाहते हैं।
अंत में, यह पूरी तरह से आवेदकों पर निर्भर है कि वे किस परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं। आवेदकों को उसी परीक्षा का चयन करना चाहिए जो उनके लिए अधिक उपयुक्त हो।
महत्वपूर्ण लेख:
On Question asked by student community
You can get the previous year's CUSAT CAT papers in pdf format sample papers from careers360 article. Follow the link given below from careers360 to get the the CUSAT CAT previous years question papers.
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Hello,
Since the CAT application form correction window is closed, you must contact the CAT help desk immediately to explain the situation, as you can't edit a wrong date of birth after submission. If it's a major error like date of birth, you may need to go to the exam center with proof and the correct admit card, although getting it corrected before the exam date is the most important first step.
I hope it will clear your query!!
Hi there,
You have to apply separately for each symbiosis college, like SIBM Pune, as they as not automatically included. The CAT form automatically includes many IIMs, but the SNAP exam is a separate test that is given for admission to Symbiosis Institute, which requires its own separate application and fee.
Hope it helps!!!
Toppers usually study 3–6 focused hours a day, but it’s not just about time — it’s about smart preparation and consistency. Focus on quality practice, regular mocks, and targeted revision.
Check this complete guide to learn how toppers plan their day and reach 99 percentile: Read Now
Hello,
To get admitted to the Institute of Management Studies (IMS), BHU, for an MBA in 2026, you must clear the CAT entrance exam. For that you need to fill out the application form of the CAT in August 2026, which you can get on the Official CAT website
I hope it will clear your query!!
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