क्या आईआईटीज द्वारा एनआईआरएफ एमबीए रैंकिंग में आगे बढ़ने के लिए लिया जा रहा झूठ का सहारा?
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क्या आईआईटीज द्वारा एनआईआरएफ एमबीए रैंकिंग में आगे बढ़ने के लिए लिया जा रहा झूठ का सहारा?

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Maheshwer PeriUpdated on 24 Sep 2025, 11:43 AM IST
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यह अजीब है पर ऐसा लगता है कि सरकारी संस्थान निजी संस्थानों के साथ तगड़ी प्रतिस्पर्धा करने के लिए नींद से जाग गए हैं, हालांकि ये प्रतिस्पर्धा गुणवत्ता में सुधार करने या पढ़ाई की लागत कम करने के लिए नहीं है, बल्कि आंकड़ों में हेरफेर से जुड़ी है, ताकि वे वास्तविकता से अधिक बेहतर दिखें। इसमें शामिल यह संस्थान कोई आम संस्थान नहीं हैं बल्कि ये राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (Institutes of National Importance- INIs) हैं और यहां तक कि ‘श्रेष्ठ संस्थान’ (IoE) भी इनमें शामिल हैं।

क्या आईआईटीज द्वारा एनआईआरएफ एमबीए रैंकिंग में आगे बढ़ने के लिए लिया जा रहा झूठ का सहारा?
क्या आईआईटीज द्वारा एनआईआरएफ एमबीए रैंकिंग में आगे बढ़ने के लिए लिया जा रहा झूठ का सहारा?

आईआईटी संस्थानों को हमेशा से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के रूप में जाना जाता रहा है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में उनका कद बढ़ा है। कम से कम, नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ रैंकिंग) के माध्यम से हमें यही जानकारी दी गई है। हमें बताया गया कि आईआईटी दिल्ली से एमबीए करना आईआईएम मुंबई या आईआईएम कलकत्ता या एसपीजेआईएमआर, एमडीआई और एक्सएलआरआई से एमबीए करने से कहीं बेहतर है। हालांकि, इन संस्थानों के प्रति छात्रों की राय एनआईआरएफ रैंकिंग से बिल्कुल अलग है। एनआईआरएफ में कहां चूक हुई जो इस तरह से रैंक दी गई?

क्या होगा यदि हम आपको बताएं कि आईआईटी के प्रबंधन शिक्षा विभाग अपने 30% छात्रों की जवाबदेही नहीं लेते और उनके ग्रैजुएशन परिणाम की जिम्मेदारी भी नहीं लेते हैं। कॅरियर्स360 ने पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर गौर किया और पाया कि प्रबंधन कार्यक्रमों के लिए आईआईटी द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों में चौंकाने वाली चूक की गई है।

नीचे एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग में टॉप 15 एमबीए संस्थानों की सूची दी गई है। आप देखेंगे कि चार आईआईटी के प्रबंधन अध्ययन विभाग (डीओएमएस) को टॉप 15 बी-स्कूलों में स्थान दिया गया है। जबकि एसपीजेएमआर, आईएमआई, गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, टीएपीएमआई जैसे बेहतरीन संस्थान सूची से गायब हैं। एनआईआरएफ एमबीए रैंकिंग में तेरह भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) को आईआईटी से नीचे की रैंक मिली है। छात्रों की पसंद एनआईआरएफ रैंकिंग से इतनी अलग कैसे हो सकती है?

कॅरियर360 ने इस संदर्भ में अंतर्निहित मुद्दों का पता लगाने के लिए गहन विश्लेषण किया। हमारे शोध से पता चला कि सीटों की संख्या और वास्तविक प्रवेश के आंकड़ों में विसंगतियां हैं। आईआईटी के डीओएमएस (DoMS) में प्रवेश पाने वाले 30% से अधिक छात्रों को एनआईआरएफ में प्रस्तुत आंकड़ों में जगह नहीं मिली है। एनआईआरएफ रैंकिंग प्रक्रिया के अंतर्गत, सभी भाग लेने वाले संस्थानों को वर्ष-वार कुल सीट और प्रवेशित छात्रों की संख्या, विशेष रूप से पिछले तीन वर्षों के प्लेसमेंट और उच्च अध्ययन के आंकड़ों का खुलासा करना आवश्यक है।

सभी शीर्ष आईआईटी और आईआईएम के आंकड़ों पर बारीकी से नजर डालने से कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

8 आईआईटी के प्रबंधन शिक्षा विभागों का डेटा

2022-23 में कुल स्वीकृत सीट: 1,001 छात्र

2022-23 के लिए एनआईआरएफ सबमिशन के अनुसार प्रवेशित छात्र: 710 छात्र

इनटेक की तुलना में एडमिशन: 70.92%

नाम

कुल सीट

प्रवेश

उत्तीर्ण

प्लेसमेंट

आईआईटी दिल्ली

144

93

89

89

आईआईटी खड़गपुर

206

125

125

124

आईआईटी मद्रास

96

86

84

83

आईआईटी बॉम्बे

191

114

114

111

आईआईटी रुड़की

95

82

82

79

आईआईटी कानपुर

97

54

49

44

आईआईटी (आईएसएम), धनबाद

92

76

72

59

आईआईटी जोधपुर

80

80

74

70

कुल छात्र

1,001

710

689

659

21 आईआईएम का डेटा

2022-23 में कुल स्वीकृत सीटें: 8,091 छात्र

2022-23 के लिए एनआईआरएफ सबमिशन के अनुसार प्रवेशित छात्र: 8,017 छात्र

इनटेक की तुलना में प्रवेश: 99.09%

आईआईटीज का दावा है कि स्वीकृत सीटों में से केवल 70.92% सीटों पर ही प्रवेश दिया गया, जबकि आईआईएम ने स्वीकृत सीटों में से 99% सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिया। स्वीकृत सीटों और प्रवेश पाने वाले छात्रों की संख्या के बीच बने बड़े अंतर पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है। हमने आईआईटी दिल्ली और आईआईटी खड़गपुर का विश्लेषण किया। हमें जो आकड़ें मिले, वे इस प्रकार हैं-

संस्थान

कुल सीट 2022-23

प्रवेश

प्रवेश %

8 आईआईटी में

1,001

710

70.93

21 आईआईएम में

8,091

8017

99.09

आईआईटी दिल्ली: 'लापता छात्रों' का रहस्य (IIT Delhi: Mystery of the ‘missing students’)

आईआईटी दिल्ली के मामले में, 2023 और 2024 के लिए स्वीकृत सीटों की संख्या क्रमशः 144 और 158 थी, यानी कुल 302 छात्र। संस्थान ने छात्रों के लिंग की भी सूचना दी है - 165 लड़के और 137 लड़कियां, कुल मिलाकर 302 छात्र। यहां तक ये सूचना सुसंगत हैं और इसका तात्पर्य यह है कि सभी सीटें भर चुकी हैं।

IIT Delhi: Mystery of the ‘missing students’

हालांकि, प्लेसमेंट के कॉलम में, 2023 में प्रवेश संख्या 144 ही रही, लेकिन प्रवेश पाने वालों की संख्या घटकर मात्र 93 रह गई। कुल मिलाकर, 51 छात्र अचानक गायब हो गए। हैरानी की बात यह है कि पहले संस्थान यह भी पता था कि इनमें से कितने पुरुष थे और कितने महिला! कुल स्वीकृत सीटों के 35% भाग को संस्थान ने छोड़ दिया।

ऐसे में आईआईटी दिल्ली के डीओएमएस को प्लेसमेंट रिजल्ट के लिए केवल 93 छात्रों के आंकड़ों की आवश्यकता रह गई। 93 छात्रों में से 89 छात्र पास हुए और सभी 89 छात्रों को नौकरी मिल गई। और प्लेसमेंट रहा 100% ! औसत वेतन भी बढ़ गया और 100% प्लेसमेंट मिल गया।

IIT Delhi: Mystery of the ‘missing students’

वीजी एसओएम, आईआईटी खड़गपुर: 40% छात्र गायब (VG SoM, IIT Kharagpur: 40% students vanish)

आईआईटी खड़गपुर के मामले में, 2023 और 2024 दोनों वर्षों के लिए स्वीकृत सीटें 206 थीं, यानी कुल 412 छात्र। हालांकि, प्लेसमेंट कॉलम से पता चलता है कि केवल 125 छात्रों को ही प्रवेश दिया गया। 81 सीटें, या कुल मिलाकर 40% सीटों का हिसाब ही नहीं है।

ऐसे में आईआईटी खड़गपुर के वीजीएसओएम का केवल 125 छात्रों के प्लेसमेंट परिणामों के आधार पर आंकलन किया गया। पास होने वाले 125 छात्रों में से 124 को नौकरी मिल गई। यानी 99% छात्रों को प्लेसमेंट मिला और औसत वेतन में भारी उछाल देखा गया।

VG SoM, IIT Kharagpur: 40% students vanish

हालांकि, आईआईटी खड़गपुर इस जोड़-तोड़ में अधिक कुशल नजर आया। आईआईटी दिल्ली के विपरीत, इसका लिंग वितरण डेटा इसके प्रवेश डेटा के अनुरूप है। लेकिन जब एनआईआरएफ के विभिन्न संस्करणों में प्रस्तुत किए गए आवेदनों पर गौर किया जाता है, तो विसंगतियां सामने आती हैं। प्लेसमेंट दर और गुणवत्ता का आकलन करने के लिए, एनआईआरएफ के लिए पास होने वाले अंतिम तीन बैचों के प्रवेश और प्लेसमेंट डेटा की मांग की जाती है। एनआईआरएफ के कम से कम तीन संस्करणों में हर बैच का डेटा सबमिट किया जाता है।

आईआईटी खड़गपुर ने एक ही वर्ष की कुल सीट संख्या और वास्तविक प्रवेश संख्या के आंकड़ों को एनआईआरएफ रैंकिंग के विभिन्न संस्करणों में बदलकर पेश किया, जो कि संभव नहीं होना चाहिए था। वर्ष 2020-21 के लिए एनआईआरएफ को 2022-23, 2023-24 और 2024-25 रैंकिंग के लिए प्रस्तुत किए गए प्रवेश और प्रवेश डेटा पर गौर करें, जैसा कि नीचे दी गई तालिका में दिखाया गया है।

आईआईटी खड़गपुर के 2020-21 का प्रवेश डेटा 3 एनआईआरएफ संस्करणों में (IIT Kharagpur’s 2020-21 admission data across 3 NIRF editions)

एनआईआरएफ रैंकिंग संस्करण

प्रथम वर्ष का इनटेक

प्रथम वर्ष में एडमिशन

2023

200

97

2024

200

159

2025

99

97

2021-22 के आंकड़ों में भी यही बदलाव देखा जा सकता है।

आईआईटी खड़गपुर के 2021-22 के एनआईआरएफ के दो संस्करणों के प्रवेश आंकड़े (IIT Kharagpur’s 2021-22 admission data across 2 NIRF editions)

एनआईआरएफ रैंकिंग संस्करण

प्रथम वर्ष का इनटेक

प्रथम वर्ष में एडमिशन

2024

263

185

2025

101

94

एकमात्र पहलू जो स्थिर है, वह यह है कि दो वर्षीय एमबीए के दोनों छात्र समूहों और सभी रैंकिंग संस्करणों के लिए, आईआईटी खड़गपुर ने 100% प्लेसमेंट का दावा किया है। यहां तक कि उसी समूह के लिए घोषित माध्य वेतन में भी बदलाव देखा गया है।

केवल आईआईटी खड़गपुर ही नहीं; प्रवेश आंकड़ों में भी बदलाव (Not just IIT Kgp; admission data swings)

बात सिर्फ़ आईआईटी खड़गपुर की नहीं है। अगर इन्हीं संस्थान द्वारा पिछले वर्षों में दी गई जानकारी पर नज़र डालें, तो पता चलता है कि प्रवेशों की कुल संख्या में हर साल काफ़ी अंतर है। आईआईटी दिल्ली में 22 छात्रों का अंतर है; आईआईटी बॉम्बे में 154 छात्रों का, और आईआईटी रुड़की में 19 छात्रों का अंतर दिखता है।

प्लेसमेंट दरें: आईआईटी बनाम आईआईएम (Placement Rates: IIT Vs IIM)

आईआईटी और आईआईएम

कुल सीट

प्रवेश

प्रवेश %

उत्तीर्ण

प्लेसमेंट

प्रवेश बनाम प्लेसमेंट

उत्तीर्ण बनाम प्लेसमेंट %

8-आईआईटी

1,001

710

70.93

689

659

92.82

95.65

21- आईआईएम

8,091

8017

99.09

7,793

7,728

96.40

99.17

जैसा कि ऊपर दिए गए आंकड़ों से पता चलता है, आईआईएम में आईआईटी के प्रबंधन विभागों की तुलना में कहीं अधिक छात्र हैं। अपने इनटेक और एडमिशन के आंकड़ों को इधर-उधर करने के बाद, आठों आईआईटी संस्थानों ने अपने औसतन केवल 70% छात्रों के स्नातक परिणामों की जानकारी दी है। जबकि प्रत्येक आईआईएम ने अपने 100% छात्रों के परिणामों की जानकारी प्रदान की है।

अपने छात्रों के बड़े हिस्से से जादुई तरीके से छुटकारा पा लेने के कारण, आठों आईआईटी ने बेहतर प्लेसमेंट परिणाम प्राप्त किए तथा आईआईएम और कई स्थापित बिजनेस स्कूलों से भी ऊंची रैंकिंग प्राप्त कर ली।

इसलिए, अगर कोई छात्र यह जानना चाहे कि क्या आईआईटी दिल्ली से एमबीए करना आईआईएम मुंबई या आईआईएम कलकत्ता से एमबीए करने की तुलना में बेहतर है, तो एनआईआरएफ से अलग जवाब मिलेगा। इस शोध के बाद, हमें इसका कारण पता चला। यह कारण सभी आईआईटी के सभी डीओएमएस के लिए एक जैसा है। डेटा के हेरफेर से हासिल की गई एनआईआरएफ रैंक की उम्मीद देश नहीं करता खासकर आईएनआई और आईओई जैसे सरकारी संस्थानों से जिन्हें हम वित्त पोषित करते हैं!!!

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